बिन तेरे ज़िंदगी अधूरी है
गलती बुरी नहीं
गलतफहमी बुरी है
तू अधूरी नहीं
तेरी आस अधूरी है
तुम कब तलक
तड़पाओगे हमें यूं ही
बिन तेरे ये मेरी
ज़िंदगी ही अधूरी है
देखता हूं हालत
क्यों ये इतनी बुरी है
लगता है कारण
मुझसे ये तेरी दूरी है
लगता नहीं कुछ
भी अच्छा मुझे अब
क्यों बिन तेरे ये
चांदनी भी अधूरी है
है जीना मुश्किल
सही नहीं जाती ये दूरी है
ज़िंदगी तेरे संग ही
बिताने की तैयारी पूरी है
चाहता है तू भी
जानता हूं मैं ये भी
बता दे मुझे तू
फिर क्या तेरी मजबूरी है
इंतज़ार किया बहुत
इस दिल की भी मजबूरी है
कह रहा हूं तुमसे
अब सही न जाए ये दूरी है
मान जाओ अब
और न सताओ मुझे अब
आकर बाहों में मेरी
हमेशा के लिए मिटानी ये दूरी है।