बिन तुहरे हम बानी बेजान
दुई तन बा एक गो परान रजऊ,
बिन तुहरे हम बानी बेजान रजऊ,,
अइसन कमाई के, का डारी हम अचार हो,
सुखवा जवानी के करी दीहल जे बेकार हो,
एतना तू बूझा हमार रजऊ,,
पइसा से ना पुरी अरमान रजऊ,,
बिन तुहरे हम बानी बेजान रजऊ,,
दुई तन बा एक गो परान रजऊ,,
केतनो हम बाटी बीचे,हितइ नतइ घरनवा,
टीस रहि रहि उठे कउनो, हिया में सजनवा,
बिन थुन्नी के ढहत ई छानि रजऊ,,
होखता जिनगिया जियान रजऊ,
बिन तुहरे हम बानी बेजान रजऊ,,
दुई तन बा एक गो परान रजऊ,,
नइहर न जाईं, नाहीं शहरे हम आईब
गवने उतरलीं जहंवा, उमिरिया बिताईब
आवा फेरो बन जा किसान रजऊ,,
बाटे अगोरत राउर चान रजऊ,,
बिन तुहरे हम बानी बेजान रजऊ,,
दुई तन बा एक गो परान रजऊ,,
फुलवारी के कियारी में पनिया लगइहा,
डीह बाबा, काली माई सिव के मनइहा,
भूल आपन तू करा सुधार रजऊ,,
मिटी लगल लांछन पुरान रजऊ,
बिन तुहरे हम बानी बेजान रजऊ,,
दुई तन बा एक गो परान रजऊ,,
खटि खटि कइल जाई मेहनत संगे तइयारी,
खेतवा लहलहाई, फूल फुलाई फुलवारी,
हरवा के होखी जब गुमान रजऊ,
चहुँ दिस होखे लागी बखान रजऊ,,
बिन तुहरे हम बानी बेजान रजऊ,,
दुई तन बा एक गो परान रजऊ,,
– -गोपाल दूबे