बिन कहे सब समझ जाना
बिन कहे सब समझ जाना
हर महीने मन की बातों में स्थान पाना.
बिन रोएं दूध मिल जाना
एक छोटी रेखा के साथ
बढ़ी रेखा खींच देना.
ये काम जनता के सहयोग के बिन संभव नहीं है,
भाषण, प्रवचन, नफरत.
पाकिस्तान, मुसलमान, आरक्षण भारत के विकास में बादक दिखाकर,
हिन्दू राष्ट्र की परिकल्पना.
भारत खंडित करने के सिवा कोई योजना नहीं,
सभी अपाहिज योजना दम तोड़ते हुए.
पहले डिमोनेटाइजेशन
फिर मोनेटाइजेशन स्कीम.
कृषि आंदोलन की अनदेखी.
हितैषी परिदृश्य के तहत दो दो हजार रुपये
प्रधानमंत्री किसान अनुदान राशि की घोषणा.
दो धड़ो में बंटवारे से ज्यादा नहीं,
कृषि क्षेत्र में प्रयुक्त होने वाले खाद,बीज,पैट्रो उत्पाद पहुंच से परे.
दो लाख नौकरी देने की बजाय छीन जाना किसी करिश्माई जादू से कम नहीं,
रसोई प्रबंधन म़े उमडे संकट के बादल.
जीवनदायी नहीं, बल्कि गलघोटू रोग