बिना पंख फैलाये पंछी को दाना नहीं मिलता
बिना पंख फैलाये पंछी को दाना नहीं मिलता
बगैर मेहनत के कोई खजाना नहीं मिलता,
पल – पल निकलती है उम्र हाथों से
वक्त गँवाने वालों को हरजाना नहीं मिलता।
a m prahari.
बिना पंख फैलाये पंछी को दाना नहीं मिलता
बगैर मेहनत के कोई खजाना नहीं मिलता,
पल – पल निकलती है उम्र हाथों से
वक्त गँवाने वालों को हरजाना नहीं मिलता।
a m prahari.