बिटिया की अंखियां( -संस्मरण गीत ससुराल से)
बदरी बाबुल के अंगना जइयो, जइयो बरसियो कहियो ।
कहियो कि हम हैं तोहरि बिटिया की अंखियां।
तुम्हरो कहा नहीं मानो, चिठिया न परहिवो जानो
बूझौ कहा लिखि भेजो, भेजौ कि हम हैं तोहरी बिटिया की चीठिया।
बचपन की याद सतावै, बाबुल जब मोहे ना झुलावै।
अखियां मोरी-भरि भरि आवै-आवे अंगुरी पकरी के डोले बाबुल की बिटिया।
कहियो।
न ही वो चांद सितारे, न ही वो दिनवा प्यारे।
कहियो निहारे तोहरी बाट रेखा भैया।
कहियो कि हम है तोहारी बिटिया की अंखियां।