बिछड़ेंगे सब बारी बारी
बिछड़ेंगे सब बारी – बारी
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बिछड़ेंगे सब बारी – बारी।
छोड़कर सभी यादें प्यारी।
यार प्यारे हुए परदेशी,
इक – दूसरे के थे हितैषी,
बदली वाहक हम पर भारी।
बिछड़ेंगे सब बारी – बारी।
हाथ बढ़ाना साथ निभाना,
साथ पढ़ाना साथ खिलाना,
याद आएगी बहुत तुम्हारी।
बिछड़ेंगे सब बारी – बारी।
गर्म चाय की मीठी चुस्की,
शाम को पीते तीखी व्हिस्की,
धर्मवीर सी हमारी यारी।
बिछड़ेंगे सब बारी – बारी।
GTD ने हमें बहुत छकाया,
बहुत भगाया बहुत सताया,
काम नहीं आई होशियारी।
बिछड़ेंगे सब बड़ी – बारी।
बैठ कार में साथ थे आते,
मजेदार सी बातें बतियाते,
रास आई थी हम सवारी।
बिछड़ेंगे सब बारी – बारी।
स्कूलों को हमने सजाया,
राग प्यार का साथ बजाया,
कर ली है जानें की तैयारी।
बिछड़ेंगे सब बारी – बारी।
मनसीरत हमे भूल न जाना,
दुख-सुख में है सदा बुलाना,
जिंदा रखना आदतें सारी।
बिछड़ेंगे सब बारी – बारी।
बिछड़ेंगे सब बारी – बारी।
छोड़कर सभी यादें प्यारी।
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सुखविन्दर सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)