बिखर गए ख़्वाब, ज़िंदगी बेमोल लूट गई, बिखर गए ख़्वाब, ज़िंदगी बेमोल लूट गई, सांसों के वास्ते, धड़कन से साथ छूट गई ©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”