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10 May 2020 · 1 min read

बिखरे पन्ने

[4/24, 5:15 PM] Dr Naresh Kumar Sagar: ==रमजान मुबारक हो==
घर में ही कर ले इबादत खुदा की
मिलकर पढ़ेंगे नमाज अलविदा की
सितमगर ये ज्यादा दिन ना टिकेगा
बरसेगी रहमत सभी पर खुदा की
==प्रदेश अध्यक्ष कलमकार संघ मिशन सुरक्षा परिषद
[4/24, 7:03 PM] Dr Naresh Kumar Sagar: आओ मानवता की कुछ रक्षा करें
मुसीबतों में कुछ शिक्षा -दीक्षा करें
कोहराम बरपा है सारे जहान में
आओ अपनों की कुछ सुरक्षा करें
[4/24, 7:30 PM] Dr Naresh Kumar Sagar: थोड़ा सा अपनी जेब को अब तो हिलाइये।
भूखे हैं अपने देश में, कुछ खाना खिलाइये।।
मिलकर ही लड़ना होगा इस कोहराम से।
सहयोग में अपना भी थोड़ा हाथ बढ़ाइए।।
[4/24, 7:54 PM] Dr Naresh Kumar Sagar: गम को देख मुस्कुराना छोड़ दूं।
या अपनी सांसों की डोरी तोड़ दूं।।
अभी हारा नहीं हूं जंग जारी है मेरी।
सामने आ जाए तो गम के सर को फोड़ दूं।।
24/04/2020
[4/24, 7:57 PM] Dr Naresh Kumar Sagar: भूल नहीं पाएगा मुझे भूलाने से।
मैंने प्यार चुराया है तेरे खजाने से।।
नाम लिख दिया है दिल पर मैंने तेरा जाना ।
जो मिटेगा नहीं कभी किसी के मिटाने से।।

Language: Hindi
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