बासी रोटी…… एक सच
आप और हम जीवन के सच में हम सभी ने बासी रोटी खायी हैं। भला ही हमने दो-चार बार न खाकर भला ही एक दो बार खाई हो। हम सभी बासी रोटी का महत्व जानते हैं क्योंकि बासी रोटी वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण और विटामिन युक्त होती है। आप और हम जीवन के सच में बासी रोटी को एक आर्थिक और सामाजिक स्तर पर तुलना ना करें क्योंकि जीवन में आर्थिक और सामाजिक स्तर तो बहुत होते हैं। बासी रोटी का अपना अलग महत्व आओ पढ़ते हैं बासी रोटी……..
एक गांव में एक परिवार रहता था वह परिवार में केवल एक बूढी मां और उसका एक बेटा था। बेटा रोज सुबह अपने काम पर जाता था और उसकी बुढ़ी मां से सुबह सुबह उठकर काम न हो पाता था। इस तरह परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी और जो काम लेते थे वही दोनों मां बेटा गुजार बसर कर खा लेते थे। परंतु बूढी मां का बेटा राजन बहुत ही समझदार था और उसे अपने पिता के देहांत के बाद घर की स्थिति उसके पिता की बीमारी में खर्च हुए धन से और भी बिगड़ गई थी और उसकी बुढ़ी मां बहुत लाचार थी।
सच तो यही हैं कि बासी रोटी भी अपने जीवन का एक सच होता हैं हम सभी समय के साथ-साथ जीवन जीते हैं। और ऐसा ही हाल कुछ बूढी मां के बेटे राजन का था और वह रोज सुबह उठकर खाली पेट अपनी नौकरी पर निकल जाता था और दोपहर में आकर खाना खाता और अपनी मां को भी खिलाता था। जीवन के दिन इसी तरह दिनचर्या से गुजर रहे थे बस समय की बात है कि दिमाग में कोई आईडिया या विचार नहीं आ रहा था राजन अपने दोस्तों के घर ऐसे ही बैठा था और बातों बातों में उसने अपने दोस्तों से कहा कि यार सुबह-सुबह खाली पेट हमें घर से कम पर जाना पड़ता है तब उसके दोस्तों ने उसे सलाह दी अरे भाई तू सुबह-सुबह खाली पेट क्यों जावे तेरी मां से कम ना हो वह बूढ़ी मां हैं।
दोस्तों ने उसे सलाह दी कि तेरे मन में एक विचार ना आया की जीवन में बासी रोटी का भी बहुत महत्व होता है। जीवन में हम सभी को किसी न किसी प्रकार से समझौता करना पड़ता है और हम सभी जिंदगी और जीवन मन भावों में सोच बनाकर जीवन जीते हैं। और सभी की आर्थिक स्थिति कहीं ना कहीं समय के अनुसार बनती और बिगड़ती रहती है। राजन भाई तू हमारा दोस्त है और हम चाहते हैं दोस्त ही दोस्त को अच्छी राह दिखाते हैं तू रात को खाना खुद बनाता तो है तब दो चार रोटी ज्यादा बना कर रख दिया कर और सुबह-सुबह बासी रोटी खाकर अपने काम पर चले जा और समय के साथ-साथ बासी रोटी का महत्व भी तुझे मालूम चल जाएगा क्योंकि हम सभी जीवन के आकर्षण और दिखावे में जीते हैं जबकि सच तो जीवन में कुछ भी नहीं है सभी को एक ही समय की राह से गुजरना पड़ता है।
राजन बासी रोटी का महत्व समझकर और दोस्तों फिर विदा लेकर अपने घर पहुंच जाता है और मां को भी खाना खिलाता है और चार रोटी बनाकर सुबह काम पर जाने के लिए रख देता है। और बासी रोटी सुबह खाकर राजन अपने काम पर खुशी-खुशी जा रहा होता है और उसकी बुढ़ी मां के मन को भी सब्र रहता है कि मेरा बेटा आज खा कर जा रहा है। जीवन में विचार और आइडिया एक महत्वपूर्ण राह होती है। और बासी रोटी का महत्व समझते हुए राजन अपनी साइकिल से अपने काम की ओर चला जा रहा था।
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नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र