बाल हठ ‘ नजर ‘
नजर उतार दो माँ मेरी ,
दुनिया को चिंता होती है ,
कोई कहता सुंदर बच्चा ,
बाल ‘ बुद्ध ‘ के रूप जैसा,
प्यारे नैना मेरे देख ,
लगा दो माँ काजल की लेख ,
चांद सा मुखड़ा कह ,
हाय सब लेते हैं माँ,
मुझे बचा लो दुनिया से अब ,
आंचल में छुपा लो माँ ,
गोद में बिठा लो अब ,
प्यार सब लुटा दो माँ ।
रचनाकार-
बुद्ध प्रकाश
मौदहा हमीरपुर।