बाल गीत* हमारा स्कूल*
स्कूल
स्कूल हमारा मंदिर है, सब आपस में प्यार करें।
भाई बहिन यहाँ पर हम सब, सच्चा हम व्यवहार करें।
टीचर का सम्मान करें हम, वे भी हमसे प्यार करें।
खेलें कूदे समय समय पर, पढ़ने पर भी ध्यान धरें।
अच्छी अच्छी बातें सीखें, नई कला का ज्ञान मिले।
इस स्कूली बगियाँ के, हम बच्चे बनकर फूल खिलें।
मस्ती मस्ती में पढ़कर हम, सपनों को साकार करें।
स्कूल हमारा मंदिर है, सब आपस में प्यार करें।।१।।
लड़ना और झगड़गा हमको, जरा नहीं अच्छा लगता।
मदद साथियों की करके दिल, अपना सुखी सदा रहता।
बड़ें प्यार से सारे टीचर, ढेरों विषय पढ़ाते हैं।
देशभक्ति भाईचारे से, इंसाँ बड़ा बनाते हैं।
जानकारियाँ दे दुनिया की, शंका का उपचार करें।
स्कूल हमारा मंदिर है, सब आपस में प्यार करें।।२।।
एक ड्रेस है एक पढ़ाई, भेद भाव हम ना जानें।
जाति धर्म से दूर रहें हम, सबको ही भाई मानें।
दुनियाँ में जीने के सारे, तौर सिखाये जाते हैं।
मानव बनने की खातिर, स्कूल रोज हम आते हैं।
अपने विद्यालय को बच्चे ,मिल अंकित परिवार करें।
स्कूल हमारा मंदिर है, सब आपस में प्यार करें।।३।।
अंकित शर्मा ‘इषुप्रिय’
रामपुर कलाँ, सबलगढ़(म.प्र.)