बाल कहानी- गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस
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आज गणतंत्र दिवस है। रेशमी और नानी आपस में बातें कर रही हैं।
रेशमी- “आज गणतंत्र दिवस है। नानी मुझे तैयार कर दो, आज मुझे विद्यालय में लड्डू मिलेगा।”
नानी- “ठीक है, आती हूँ, बिटिया! इतना शोर क्यों मचा रही हो?”
रेशमी-“बहुत देर हो गयी है, नानी! जल्दी आप मुझे परी की तरह तैयार कर दीजिए।” नानी ने रेशमी को तैयार करके कहा-
नानी- “ये देखो! अब मेरी रेशमी परी लग रही है।अभी देर नहीं हुई है, पहले नाश्ता करो और शान्त मन से आराम से विद्यालय जाओ।”
रेशमी-“नानी! आप ने ये नहीं पूछा कि आज विद्यालय में लड्डू क्यों मिलेगा ?”
नानी-“मुझे पता है रेशमी!आज गणतंत्र दिवस है। राष्ट्रीय त्योहार है।आज विद्यालय में झंडा गीत के बाद ध्वजारोहण होगा,इसके बाद राष्ट्रगान होगा, तत्पश्चात सभी बच्चों को गीत, कविता, कहानी सुनाने के बाद विद्यालय में पुरस्कार और लड्डू या कोई भी मिठाई जरुर मिलती है।”
रेशमी- “जी नानी! आपको तो सब पता है। आप प्यारी नानी हो, अब हम विद्यालय जा रहे हैं।”
नानी- “ठीक है बिटिया जाओ।”
रेशमी जल्दी से विद्यालय पहुंँची।
रेशमी-(मन में)”लगता है देर हो गयी है सब लोग आ गये हैं। हम कह रहे थे देर हो जायेगी, पर नानी बिना नाश्ते कराये मुझे कभी विद्यालय भेजती नहीं हैं।”
तभी रेशमी को देखकर शिक्षिका ने कहा–
शिक्षिका-“रेशमी! क्या सोच रही हो बेटा?आज तो तुम बहुत प्यारी लग रही हो।”
रेशमी-“धन्यवाद मैम जी!मेरी नानी ने तैयार किया है।”
शिक्षिका-“अच्छा, ये बताओं, रेशमी बेटा! आपने राष्ट्रगीत तैयार किया? आपको अभी पढ़ना है। और तुम अन्य कार्यक्रम में भी हो।
रेशमी-“जी मैम! हमने सब तैयार कर लिया, जैसा आपने बताया था, तभी तो मुझे ज्यादा लड्डू मिलेंगे, हम दो लड्डू खायेंगे और सब नानी को दे देंगे।” शिक्षिका ने कहा कि-“ठीक है”
थोड़ी देर बाद गाँव में प्रभात फेरी निकाली गई, तत्पश्चात स्कूल में सभी बच्चों ने लाइन में खड़े होकर ध्वजारोहण होते देखा और उसके तुरंत बाद राष्ट्रीय गान सम्पन्न हुआ। फिर स्वागत और राष्ट्रीय गीतों के साथ ही बच्चों के कार्यक्रम सम्पन्न हुए। अतिथि महोदय ने सभी को पुरस्कृत किया।रेशमी का गीत अच्छा होने के कारण उसे पुरुस्कार के साथ-साथ दो लड्डू अधिक मिले।
घर पहुँचकर रेशमी ने नानी से कहा- “आप कहाँ हो नानी?
नानी- “बहुत खुश लग रही है मेरी रेशमी! कैसा रहा आज का कार्यक्रम?”
रेशमी-“बहुत अच्छा ! विद्यालय में खूब सजावट थी।बहुत सुन्दर -सुन्दर कार्यक्रम हुए! हमने कई कार्यक्रमों में भाग लिया।ये देखिए नानी! हमें ज्यादा लड्डू और इनाम भी मिला है। ये सब आपके लिये है।”
शिक्षा
हमें इस कहानी से यह सीख मिलती है कि हमको अपने राष्ट्रीय पर्वों और उनके मनाने की जानकारी होनी चाहिए।
शमा परवीन बहराइच उत्तर प्रदेश