बाल कविता : दीवाली
बाल कविता : दीवाली
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मम्मी पापा ! दीवाली पर
नहीं पटाखे लाना,
पहले से ही जहर हवा में
नहीं और फैलाना ।।
घर की दीवारों को मिलकर
चंदा – सा चमकाना ,
साफ – सफाई करके
घर को फूलों – सा महकाना।।
बल्ब एक छोटा खरीदकर
इस दीवाली लाओ,
घर के बाहर लगा गली में
उजियारा फैलाओ।।
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा,
रामपुर