बालो की महिमा (एक व्यंग्य)
जब सर पर बाल नहीं होते,
आने के लिए दवाई ढूंढता है।
जब सर पर बाल आ जाते है,
कटवाने के लिए नाई ढूंढता है।
जब सर के बाल सफेद हो जाते
काले करने के लिए डाई ढूंढता है।
जब सर के बाल काले हो जाते है,
वह अपने लिए लुगाई ढूंढता है।
जब लुगाई घर पर आ जाती है,
वह एक और पराई ढूंढता है।
इंसान कभी भी खुश नही रहता,
वह जिंदगी भर ढूंढने में रहता है।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम