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24 Jan 2018 · 1 min read

बालिका दिवस पर

धुन —
1*दिल के अरमां आंसूओं में बह गये |
2*तुम न जाने किस जहां में खो गये |
3*हर जगह दुश्मन ज़माना गम नहीं |

******************************

बेटे बेटी एक जैसे मान लो।
फर्क दोनों में नही है जान लो।

आजकल सब और देखो शोर है।
तुम पढ़ाओ बेटियो को जोर है।
अब पढ़ाना ही है इतना ठान लो।
फर्क क्या दोनों…………

लड़कियाँ भी पूण्य ही है बाप का ।
यह नही कोई नतीजा पाप का।
नाम रोशन ये करेगी शान लो।
फर्क ……।

कर रहे जो भ्रूण हत्या आदमी।
एक दिन लड़की की ला देंगे कमी।
सृष्टि क्या चल पायगी पहचान लो।
फर्क….

हो गई जो भूल अनजाने सही।
अब करेंगे भूल बिलकुल भी नही।
अब बचाना बेटियां ईमान लो।
फर्क कुछ भी तो नही यह जान लो।

गर्भ में बेटी की हत्या मत करो।
पाप गामी होने से कुछ तो डरो।
जान जाए अब नही यह आन लो।
बेटे बेटी एक जैसे मान लो।

**मधु गौतम**

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 353 Views
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