बालचंद झां (हल्के दाऊ)
जीवन परिचय->
महान कर्मियोंगी बालचंद झा हल्के दाऊ का जन्म 25 जनवरी 1939 ईस्वी में उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के ग्राम पोस्ट ककरुआ में हुआ था। इन्होंने अपनी पहली शिक्षा गांव के ही स्कूल से पांचवी की परीक्षा पास की बे अपनी माता के अकेले ही पुत्र थे।इनकी माता शुभरानी तथा पिता जसु थे।उनकी माता कुशाग्र बुद्धि की और कम पढ़ी लिखी महिला थी। कुछ वर्ष बीतने के बाद उनकी माता श्री दाऊ को एक छोटी सी अल्पायु में छोड़कर इसभूलोक को छोड़कर परलोक मैं विलीन गई अब तो मानो उनके जीवन में काफी समस्याओं ने जन्म ले लिया और उनके पिता ने दूसरी शादी कर ली। पर दूसरी मां का कुछ रवैया ठीक-ठाक था।लेकिन कुछ दिन यूं ही चलता रहा और पारिवारिक की छोटी बड़ी बातों मैं ना उलझे और आगे बढ़ते रहे उन्होंने 13 वर्ष की उम्र में सियारानी नाम की महिला से शादी कर ली इनकी पत्नी ने 2 पुत्र और पांच सुंदर पुत्रियों को जन्म दिया बहर हाल दूसरी मां के बेटों में बड़े भाई होने के नाते कठिन कामों में व्यस्त हो गए और आगे की पढ़ाई नहीं कर सके। घर की सारी जिम्मेदारियां और खेती किसानी के काम अकेले ही देखने लगे काम की व्यस्तता के कारण उनकी तबीयत दिन प्रतिदिन खराब होती चली गई और टीवी की भयंकर बीमारी से लड़ते रहे और प्राथमिक उपचार लेते रहे लेकिन जब इससे ठीक ना हुए तो बाद मैं उनका उपचार 28 अप्रैल को सिंधिया आरोग्य हॉस्पिटल ग्वालियर मध्य प्रांत मैं कराया गया तभी से इनके स्वास्थ्य मैं कुछ इजाफा देखने को मिला और पहले की तरह है द्वारा गाड़ी पटरी पर चलने लगी ।
इनकी बातें करते मन नहीं थकता पर इतना अधिक है हमारे लिए जानना इन्होंने अपने जीवन काल में कठिन परिस्थितियों का सामना स्वयं किया और बाद मे करते भी रहे हैं।
इनका स्वभाव सदा से ही बाहर के लोगों से हिंसा ना करना सभी से विनम्रता प्रेम पूर्वक बोलना उनके व्यक्तित्व को बताता है ।
ऐसे देवात्मा का परिनिर्बाण 13 मार्च 2021 को पुराने बड़े लोहार पुश्तैनी गड़ी निज निवास ककरुआ में हो गया।।
उन्हें खाली समय में पढ़ना और लिखना काफी पसंद था इसीलिए उन्होंने अपने व्यस्ततम समय में “भजन , बुंदेली गीत, आल्हा,” आदि अपनी पुस्तक ( मेरी समझ) में वर्णन किया है।।..✍️💯🌾🫡