बालगीत. चलो आज बच्चे बन जाये
आँचल मे माँ के छिप जाएँ
चलो आज बच्चे बन जाएँ
दॊड़े कूदें धूम मचाएँ
सजे हुये घर को फैलाए्ँ
चपत पड़े जब एक गाल पर
कान पकड़ खड़े रह जाएँ
चलो आज बच्चे बन जाएँ..
गुल्ली डंडा कंचा कॊड़ी
सारा दिन बस भागा दॊड़ी
छाने सारे बाग बगीचा
आमा इमली झोर के खाएँ
चलो आज बच्चे बन जाएँ
झूमा झट्टी कुट्टी-मिट्ठी
झूला झूलें फिसलें पट्टी
रानी राजा की सुनें कहानी
लोरी सुनकर फिर सो जाएँ
चलो आज बच्चे बन जाएँ ।
गीतेश दुबे ” गीत “