Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Nov 2023 · 1 min read

बार बार अपमान

करे लेखनी देश का, बार बार अपमान ।
चलती हैं साहित्य की, ऐसी कई दुकान ।।
रमेश शर्मा.

Language: Hindi
1 Like · 228 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

#शेर
#शेर
*प्रणय*
समृद्ध व सशक्त भारत!
समृद्ध व सशक्त भारत!
Neelam Sharma
बहुत दिनन के बाद
बहुत दिनन के बाद
अवध किशोर 'अवधू'
फुर्सत से आईने में जब तेरा दीदार किया।
फुर्सत से आईने में जब तेरा दीदार किया।
Phool gufran
अभी कहाँ आराम, परम लक्ष्य छूना अभी।
अभी कहाँ आराम, परम लक्ष्य छूना अभी।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
बावरा मन
बावरा मन
RAMESH Kumar
संबंध की एक गरिमा होती है अगर आपके कारण किसी को परेशानी हो र
संबंध की एक गरिमा होती है अगर आपके कारण किसी को परेशानी हो र
Ashwini sharma
जो व्यक्ति  रथयात्रा में रथ पर विराजमान श्री कृष्ण, बलराम और
जो व्यक्ति रथयात्रा में रथ पर विराजमान श्री कृष्ण, बलराम और
Shashi kala vyas
जीवन साँझ -----
जीवन साँझ -----
Shally Vij
चंद्रयान 3
चंद्रयान 3
Dr Archana Gupta
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
प्यार मेरा तू ही तो है।
प्यार मेरा तू ही तो है।
Buddha Prakash
काम,क्रोध,भोग आदि मोक्ष भी परमार्थ है
काम,क्रोध,भोग आदि मोक्ष भी परमार्थ है
AJAY AMITABH SUMAN
हिंदी कब से झेल रही है
हिंदी कब से झेल रही है
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
तेवरी के तेवर जनाक्रोश के हैं +यशपाल वैद
तेवरी के तेवर जनाक्रोश के हैं +यशपाल वैद
कवि रमेशराज
"जीवन-ज्योति"
Prabhudayal Raniwal
हिन्दी
हिन्दी
आशा शैली
- गरीब की डाईट उसकी जिम्मेदारिया करवा देती है -
- गरीब की डाईट उसकी जिम्मेदारिया करवा देती है -
bharat gehlot
" ज़ेल नईखे सरल "
Chunnu Lal Gupta
सच्चाई
सच्चाई
Seema Verma
महा शिवरात्रि
महा शिवरात्रि
Indu Nandal
कलेवा
कलेवा
Satish Srijan
" मैं "
Dr. Kishan tandon kranti
श्रंगार लिखा ना जाता है।
श्रंगार लिखा ना जाता है।
Abhishek Soni
हमसफ़र
हमसफ़र
Roopali Sharma
नानी का लालटेन
नानी का लालटेन
Shakuntla Shaku
गुरु मेरा मान अभिमान है
गुरु मेरा मान अभिमान है
Harminder Kaur
तुम्हारी आंखों के आईने से मैंने यह सच बात जानी है।
तुम्हारी आंखों के आईने से मैंने यह सच बात जानी है।
शिव प्रताप लोधी
*फल (बाल कविता)*
*फल (बाल कविता)*
Ravi Prakash
टिप्पणी
टिप्पणी
उमा झा
Loading...