बारिश में संग मेरे भीग जाया करो
खुद को इतना न बचाया करो,
बारिश में संग मेरे भीग जाया करो।
इतने उदास हो क्यों तुम आखिर?
कभी कभी थोड़ा सा तो मुस्कुराया करो।
न आ सको हकीकत में तो कोई बात नहीं,
आके ख्वाबों में फिर न वापिस जाया करो।
हमसे मिलने का मन न हो अगर,
तो भी किसी और बहाने से आया करो।