बारिश की बूंदों से पावन जो जिन्दगी हो जाती ,तो कैसा होता
1.
बारिश की बूंदों सी पावन, जो जिन्दगी हो जाती ,तो कैसा होता
पवन की खुशनुमा बयार, जो जिन्दगी हो जाती, तो कैसा होता
खिल जाते दो फूल मेरी भी जिन्दगी में, तो कैसा होता
अभिनन्दन मेरा भी हो जाता ,तो कैसा होता
2.
चेहरे पर जो मुस्कान मेरे बिखर जाती ,तो कैसा होता
पावन जो मेरे विचार हो जाते, तो कैसा होता
वक़्त भी गर मेरा साया हो जाता ,तो कैसा होता
गर तेरा साथ मुझे मिल जाता ऐ मेरे खुदा ,तो कैसा होता