Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jun 2024 · 1 min read

बारिशों के मौसम में

बारिशों के मौसम में
दिल नहीं धुला करते
दिल तो साफ होते है
आसुओं की बारिश से……..ShabinaZ

13 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from shabina. Naaz
View all
You may also like:
ये सूरज के तेवर सिखाते हैं कि,,
ये सूरज के तेवर सिखाते हैं कि,,
Shweta Soni
मातृस्वरूपा प्रकृति
मातृस्वरूपा प्रकृति
ऋचा पाठक पंत
दुःख,दिक्कतें औ दर्द  है अपनी कहानी में,
दुःख,दिक्कतें औ दर्द है अपनी कहानी में,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
!! घड़ी समर की !!
!! घड़ी समर की !!
Chunnu Lal Gupta
निंदा और निंदक,प्रशंसा और प्रशंसक से कई गुना बेहतर है क्योंक
निंदा और निंदक,प्रशंसा और प्रशंसक से कई गुना बेहतर है क्योंक
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सियासत
सियासत
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
ਯਾਦਾਂ ਤੇ ਧੁਖਦੀਆਂ ਨੇ
ਯਾਦਾਂ ਤੇ ਧੁਖਦੀਆਂ ਨੇ
Surinder blackpen
"मौन"
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन में सबसे मूल्यवान अगर मेरे लिए कुछ है तो वह है मेरा आत्
जीवन में सबसे मूल्यवान अगर मेरे लिए कुछ है तो वह है मेरा आत्
Dr Tabassum Jahan
दोहे- अनुराग
दोहे- अनुराग
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*सुंदर लाल इंटर कॉलेज में विद्यार्थी जीवन*
*सुंदर लाल इंटर कॉलेज में विद्यार्थी जीवन*
Ravi Prakash
प्रबुद्ध लोग -
प्रबुद्ध लोग -
Raju Gajbhiye
हंसी आ रही है मुझे,अब खुद की बेबसी पर
हंसी आ रही है मुझे,अब खुद की बेबसी पर
Pramila sultan
काल चक्र कैसा आया यह, लोग दिखावा करते हैं
काल चक्र कैसा आया यह, लोग दिखावा करते हैं
पूर्वार्थ
काश - दीपक नील पदम्
काश - दीपक नील पदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
क्यों इस तरहां अब हमें देखते हो
क्यों इस तरहां अब हमें देखते हो
gurudeenverma198
मैं तो अंहकार आँव
मैं तो अंहकार आँव
Lakhan Yadav
जिस काम से आत्मा की तुष्टी होती है,
जिस काम से आत्मा की तुष्टी होती है,
Neelam Sharma
शब्द सुनता हूं मगर मन को कोई भाता नहीं है।
शब्द सुनता हूं मगर मन को कोई भाता नहीं है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
छाऊ मे सभी को खड़ा होना है
छाऊ मे सभी को खड़ा होना है
शेखर सिंह
😢युग-युग का सच😢
😢युग-युग का सच😢
*प्रणय प्रभात*
स्वयं में ईश्वर को देखना ध्यान है,
स्वयं में ईश्वर को देखना ध्यान है,
Suneel Pushkarna
वेदना की संवेदना
वेदना की संवेदना
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
Jay prakash dewangan
Jay prakash dewangan
Jay Dewangan
पेड़ - बाल कविता
पेड़ - बाल कविता
Kanchan Khanna
रज़ा से उसकी अगर
रज़ा से उसकी अगर
Dr fauzia Naseem shad
दिल तो पत्थर सा है मेरी जां का
दिल तो पत्थर सा है मेरी जां का
Monika Arora
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
चन्द्रयान
चन्द्रयान
Kavita Chouhan
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
Loading...