बाबूजी
माँ आँगन की तुलसी सी तो, मनीप्लांट से बाबूजी।
चिंताओं में डूबे डूबे, दिखें क्लान्त से बाबूजी।
घर बाहर की जिम्मेदारी, रहती उनके कांधे पर,
अंदर तो तूफान भरा पर, दिखें शांत से बाबूजी।
18-06-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
माँ आँगन की तुलसी सी तो, मनीप्लांट से बाबूजी।
चिंताओं में डूबे डूबे, दिखें क्लान्त से बाबूजी।
घर बाहर की जिम्मेदारी, रहती उनके कांधे पर,
अंदर तो तूफान भरा पर, दिखें शांत से बाबूजी।
18-06-2019
डॉ अर्चना गुप्ता