बाबुल की बगिया की टूटी कली
ममता का सावन बाबुल का आंगन बिरना का संग बहना छोड़ चली।
चलो आओ मिलकर सभीफूल वारे बाबुल की बगिया की टूटी कली।
सभी फूल पत्ती ये वृक्ष लताएं।
खड़ी आज देखो ये आंसू बहाए। अंसुवन लिपटकर सखी आज अपनी छोड़ चली।
चलो आओ मिलकर सभी फूल वारे बाबुल की बगिया की टूटी कली।
बाबुल के देशवा के पक्षी औ बादल और ये हवाएं।
करुण स्वर करेेजवा थाम देती दुआएं।
खुशियों भरी हो नव जीवन की गली।
चलो आज मिल्क सभी फूल बारे बाबुल की बगिया की टूटी कली ।
बाबुल निहारें आज सूनी बगिया।
चार दिन बसेरों करी उरि गई चिड़िया।
जाने कैसी होगी रे खा नाजो से पली ।