बाबा साहेब डा० भीम राव अम्बेडकर के श्री चरणों में समर्पित चार पंक्तियाँ
बाबा साहेब के शुभ जन्मदिवस पर
चार पंक्तियाँ समर्पित
देश जब बरसों तलक त्रासदी को सहता है
तब कहीं ऐसा चमन में ये पुहुप खिलता है
गूँजती चारो दिशाओं में त्राहि की बोली
तब कोई ऐसा गुणी संविधान रचता है
प्रीतम राठौर
श्रावस्ती ( उ० प्र०)