बाबा साहेब के बिचारी,
(बाबा साहेब के बिचार)
दोहा,
विनय सुनो हम तुम्हें बतलाये,
बाबा साहेब की कीर्ति सुनाये,।
जीवन यापन ऐ इन्हने कीन्हा,
न कोई अब हम भ्रिम से जीना,।
जो कछू होगा कर के दिखाऊॅ,
अपने ज्ञान की ज्योति जगाऊं,।
अटल निश्चय जब मन में कीन्हें,
बिचार बिम्रर्स तब पिता से कीन्हें,।
शिक्षा पाऊं मैं अधिकाई,
मात् पिता की कीर्ति छाई,।
बोल सुने जब पालक सूबेदारा,
पढ़ हैं पुत्र नाम होत हमारा,।
पिता कहें हम कष्ट में जीन्हें,
तुमको शिक्षा उच्च हैं दीन्हें,।
अपना जीवन योग्य बनाऊॅ,
अपने लोगन आगे बढ़ाऊ,।
लेखक—Jayvind Singh Ngariya ji