Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Sep 2021 · 2 min read

बाबा भक्त (कटाक्ष)

भक्त- हे हो बाबा तोंई झबराह दारही रखने रहू लगले छोपा लैलहू कैले?
बाबा- हौ बेरोजगारी,महँगाई, जुमलेबाजी वला उड़ीस दारही खोखैर खा गेल की?

भक्त- हौ बाबा रोजगार नै भेट रहल केना गुजर हेतै?
बाबा- मन के बात सुनह नै त पकौड़ा बेचह? अई स भूख पिआस हेराएल रहतह?

बाबा-एं हौ मैथिली पुरस्कृत पोथी सब कोन दोकान पर भेटत?
भक्त- ज्यूरी मेम्बर सब के दलान टा पर भेटत?
बाबा-लोक किताब देखबे ने केलकै त फेर कथी लै पुरूस्कार?
भक्त-मैथिली करै जोगारी खेल?

बाबा-एहेन कहूँ उछनर करब भेलैए? कोना क परिछब गौरि बुढ़बा बर गे?
भक्त-त फेर केस दारही डाई करा रंगा के जबनका बर भऽ जाउ? के करत उछनर?

भक्त- ह यौ बाबा मोछक प्रकार सब कहू तऽ?
बाबा- त्रिभुजाकार, चतुर्भुजीकार(फ्रेंच), डकूबा, देखावटी, माछि कट?
भक्त- अइ मे से नीक कोन हेतै ग बाबा
बाबा- हमरे सन सफाचट किए त अधपकलाहा मोछ रंगाएब स भेल छुट्टी

बाबा- मैथिली साहित्यकार सब अपने गिरोहक लेखक टा के मानतह?
भक्त-कारीगर कोनो गिरोह मे नै रहलै त की ओकरा लेखनी के मोजर नै करबै की?

बाबा- देखै छहक बेटा लै एतेक पाबइन कबूला पाति सब करै जाइए लोक सब?
भक्त-आ बेटी लै पाबइन करै बेर कोनो सांप ध ल हइ? एक्को टा पबनि बेटि नामे कहां देखलि?

भक्त- मैथिली के समावेशी आ सरोकारी बनबहे पड़त?
बाबा- ठीके मे देखावटी भवडाह स त मैथिली खंड बिखंड मे बँटले रहत?

बाबा- हौ हमरा पुरूस्कार भेटि गेल?
भक्त- हे त पुरस्कार लऽ के नाचू?
बाबा- एं हौ एना भंगतराह किए बजै छह?
भक्त- जोगार स भेटल पुरस्कार पर एतेक देवगणाह किए भेल छी?

©किशन कारीगर

Language: Maithili
Tag: लेख
1 Like · 602 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan Karigar
View all
You may also like:
पति पत्नी पर हास्य व्यंग
पति पत्नी पर हास्य व्यंग
Ram Krishan Rastogi
स्वर्ग से सुंदर समाज की कल्पना
स्वर्ग से सुंदर समाज की कल्पना
Ritu Asooja
पूछी मैंने साँझ से,
पूछी मैंने साँझ से,
sushil sarna
खिला हूं आजतक मौसम के थपेड़े सहकर।
खिला हूं आजतक मौसम के थपेड़े सहकर।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
अहाना छंद बुंदेली
अहाना छंद बुंदेली
Subhash Singhai
जय श्री राम
जय श्री राम
आर.एस. 'प्रीतम'
ढ़ूंढ़ रहे जग में कमी
ढ़ूंढ़ रहे जग में कमी
लक्ष्मी सिंह
अस्त हुआ रवि वीत राग का /
अस्त हुआ रवि वीत राग का /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
जान हो तुम ...
जान हो तुम ...
SURYA PRAKASH SHARMA
"निर्णय आपका"
Dr. Kishan tandon kranti
*देश के  नेता खूठ  बोलते  फिर क्यों अपने लगते हैँ*
*देश के नेता खूठ बोलते फिर क्यों अपने लगते हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मैं अपने आप को समझा न पाया
मैं अपने आप को समझा न पाया
Manoj Mahato
If you want to be in my life, I have to give you two news...
If you want to be in my life, I have to give you two news...
पूर्वार्थ
आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान।
आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान।
Suryakant Dwivedi
गुज़ारिश है रब से,
गुज़ारिश है रब से,
Sunil Maheshwari
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वाणी और पाणी का उपयोग संभल कर करना चाहिए...
वाणी और पाणी का उपयोग संभल कर करना चाहिए...
Radhakishan R. Mundhra
हिन्दी में ग़ज़ल की औसत शक़्ल? +रमेशराज
हिन्दी में ग़ज़ल की औसत शक़्ल? +रमेशराज
कवि रमेशराज
* नदी की धार *
* नदी की धार *
surenderpal vaidya
*कहा चैत से फागुन ने, नव वर्ष तुम्हारा अभिनंदन (गीत)*
*कहा चैत से फागुन ने, नव वर्ष तुम्हारा अभिनंदन (गीत)*
Ravi Prakash
*कागज़ कश्ती और बारिश का पानी*
*कागज़ कश्ती और बारिश का पानी*
sudhir kumar
माँ
माँ
संजय कुमार संजू
राजनीतिक फायदे के लिए, तुम मुकदर्शक हो गये तो अनर्थ हो जाएगा
राजनीतिक फायदे के लिए, तुम मुकदर्शक हो गये तो अनर्थ हो जाएगा
नेताम आर सी
क्यों पढ़ा नहीं भूगोल?
क्यों पढ़ा नहीं भूगोल?
AJAY AMITABH SUMAN
ञ'पर क्या लिखूं
ञ'पर क्या लिखूं
Satish Srijan
चाय
चाय
Rajeev Dutta
कुत्ते / MUSAFIR BAITHA
कुत्ते / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
मन को भाये इमली. खट्टा मीठा डकार आये
मन को भाये इमली. खट्टा मीठा डकार आये
Ranjeet kumar patre
अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो
अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो
Er.Navaneet R Shandily
■ बन्द करो पाखण्ड...!!
■ बन्द करो पाखण्ड...!!
*प्रणय प्रभात*
Loading...