बापू के चिट्ठी
उड़ के जइहअ हो सुगनवा
बापू के नगरी
उनसे कहिहअ हो दिलवा के
दुखवा सगरी…
(१)
उल्टा-पुल्टा काम से
उजूल-फिजुल बयान से
नेता लोग हो उछालेला
देसवा के पगरी…
(२)
मिलीभगत से लूटेरन के
मांझी लूटे राहियन के
नईया डूबे हो लागल
जब आईल कगरी…
(३)
हक़ मंगला पर लाठी बरसे
इंसाफ़ मंगला पर होला जेल
ख़तरनाक होखल जाता
सच्चाई के डगरी…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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