बादल
रूप बदल जब आता बादल
सबके मन को भाता बादल
काली काली चादर ओढ़े
लहर लहर लहराता बादल
खुश हो जाते ताल तलैया
पानी जो बरसाता बादल
गर्मी से राहत देने को
सूरज को ले जाता बादल
धरती मां की प्यास बुझाता
हरियाली बिछवाता बादल
गड़ गड़ करके गरज गरज कर
सबको ख़ूब डराता बादल
नीला नीला हो जाता है
जब भी धूप खिलाता बादल
खुशी ‘अर्चना’ कितनी मिलती
जब अंबर में छाता बादल
02- 08-2023
डॉ अर्चना गुप्ता