बादल
बादल कोई मेरे शहर मे भी तो बरस जाए ।
प्यासे है खेत , जोर-शोर से तो गरज जाए ।।
माना कि तुम उमड़-घुमड़ कर आते-जाते हो ।
ताके रस्ता इन निगाहों पे भी तो तरस खाए ।।
सुमन कुमार आहूजा अनाड़ी
बादल कोई मेरे शहर मे भी तो बरस जाए ।
प्यासे है खेत , जोर-शोर से तो गरज जाए ।।
माना कि तुम उमड़-घुमड़ कर आते-जाते हो ।
ताके रस्ता इन निगाहों पे भी तो तरस खाए ।।
सुमन कुमार आहूजा अनाड़ी