बादल (बाल कविता)
बादल (बाल कविता)
…………………………………………
मैं बादल से बोला, जब तुम आसमान में जाना
बिठा मुझे भी अपने ऊपर, सब दुनिया दिखलाना
सैर करूंगा मैं दुनिया की, जग-भर में जाऊॅंगा
नदी समंदर सब देशों में हो -हो कर आऊॅंगा
बादल बोला मुझ पर बैठे तो फिर पछताओगे
जल से खाली हुआ जहॉं मैं ,धड़ से गिर जाओगे
_________________________________
रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा , रामपुर ,उ.प्र.
मोबाइल 99976 15451