बादल जब गरजे,साजन की याद आई होगी
बादल जब गरजे ,साजन की याद आई होगी।
बिजली जब कड़की,नींद न तुम्हे आई होगी।।
बारिश के मौसम में,कुछ आफत तो होगी,
पर ऐसे मौसम में,तेरी कुछ चाहत तो होगी।
आ न सके तेरे साजन,जब तेज बारिश होगी,
आ जाए तेरे साजन,तेरे दिल को राहत तो होगी।
हो जाए तुम्हारा मिलन,हमे भी जरा बता देना,
पूछेंगे नहीं कुछ तुमसे,पर एक दावत तो होगी।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम