#बात_बेबात-
#बात_बेबात-
■ एक सटीक संवाद…।
【प्रणय प्रभात】
● धूर्त नेता हुशियारी लाल का सवाल था-
“आपने मेरा क्या भला किया…..?”
● मेरा सीधा-सरल सा जवाब था-
“बुरा नहीं किया। आए दिन दस मौके हाथ आने के बाद भी।”
मतलब साफ है। “असहयोग व अपमान” न करना भी “सहयोग व सम्मान” करने जैसा ही होता है प्यारे! आज की दुनिया में। आई बात समझ मे…?
कहने का आशय है कि यही ढंग जीवन का मध्यमार्ग है, जिसे हम तटस्थता भी कह सकते हैं। दुनिया को इस तटस्थता को न केवल सम्मान करना चाहिए, बल्कि ऐसे लोगों के प्रति कृतज्ञ भी होना चाहिए। यही मंत्र है जिसके बलबूते हमारा देश “गुट निरपेक्ष” रह कर “विश्व-बंधुत्व” का संदेश सारी दुनिया को दे रहा है और सम्मान पा रहा है।
#जय रामजी की।।
■प्रणय प्रभात■
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)