बातों से संस्कार का पता चलता है
देखना है ,कैसी है हुकूमत , तो आवाम से पूछो
है कैसी ,सियासत ये कब दरबार में पता चलता है
बाज़ार में जाओ तो व्यापार का पता चलता है
और यूं ही किसी को समझना मुश्किल है बहुत
बात कर के देखो संस्कार का पता चलता है
प्रज्ञा गोयल ©®