Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Sep 2024 · 1 min read

बातों को अंदर रखने से

बातों को अंदर रखने से
दूरियां ही बढ़ती है
और बात होने से
मुश्किलें हल होती है

45 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mamta Rani
View all
You may also like:
कभी उलझन,
कभी उलझन,
हिमांशु Kulshrestha
DR Arun Kumar shastri
DR Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हां,अब समझ आया
हां,अब समझ आया
Seema gupta,Alwar
चलो   बहें   सनातनी  सुपंथ  के  बयार  में।
चलो बहें सनातनी सुपंथ के बयार में।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
2122/2122/212
2122/2122/212
सत्य कुमार प्रेमी
4284.💐 *पूर्णिका* 💐
4284.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*गणेश चतुर्थी*
*गणेश चतुर्थी*
Pushpraj Anant
मंजिल न मिले
मंजिल न मिले
Meera Thakur
बाल कविता: चूहे की शादी
बाल कविता: चूहे की शादी
Rajesh Kumar Arjun
यह गोकुल की गलियां,
यह गोकुल की गलियां,
कार्तिक नितिन शर्मा
आडम्बरी पाखंड
आडम्बरी पाखंड
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
प्रेम पीड़ा
प्रेम पीड़ा
Shivkumar barman
करो सम्मान पत्नी का खफा संसार हो जाए
करो सम्मान पत्नी का खफा संसार हो जाए
VINOD CHAUHAN
" उम्र "
Dr. Kishan tandon kranti
दीपों की माला
दीपों की माला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आदर्श
आदर्श
Bodhisatva kastooriya
दुनिया की गाथा
दुनिया की गाथा
Anamika Tiwari 'annpurna '
..
..
*प्रणय*
जब तक हम ख़ुद के लिए नहीं लड़ सकते हैं
जब तक हम ख़ुद के लिए नहीं लड़ सकते हैं
Sonam Puneet Dubey
सही ट्रैक क्या है ?
सही ट्रैक क्या है ?
Sunil Maheshwari
पूरा कुनबा बैठता, खाते मिलकर धूप (कुंडलिया)
पूरा कुनबा बैठता, खाते मिलकर धूप (कुंडलिया)
Ravi Prakash
भरे मन भाव अति पावन, करूँ मैं वंदना शिव की।
भरे मन भाव अति पावन, करूँ मैं वंदना शिव की।
डॉ.सीमा अग्रवाल
रोशनी का दरिया
रोशनी का दरिया
Rachana
हर रोज वहीं सब किस्से हैं
हर रोज वहीं सब किस्से हैं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
What is the new
What is the new
Otteri Selvakumar
I
I
Ranjeet kumar patre
लिखता हूं जिसके लिए
लिखता हूं जिसके लिए
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
यूँ तो बुलाया कई बार तूने।
यूँ तो बुलाया कई बार तूने।
Manisha Manjari
आज कल इबादते इसी कर रहे है जिसमे सिर्फ जरूरतों का जिक्र है औ
आज कल इबादते इसी कर रहे है जिसमे सिर्फ जरूरतों का जिक्र है औ
पूर्वार्थ
पढ़ने को आतुर है,
पढ़ने को आतुर है,
Mahender Singh
Loading...