बांधाए आती हैं आने दो हर बाधा से लड़ जाऊँगा । जब तक लक्ष्य न
बांधाए आती हैं आने दो हर बाधा से लड़ जाऊँगा । जब तक लक्ष्य नहीं भेदूंगा- यहीं अडिग रह जाऊँगा । हर संकट के टल जाने से सब कुछ शान्त नहीं होता । मार्ग कठिन चुन लूंगा लेकिन हार नहीं स्वीकारूँगा !!
है माना मंजिल दूर अभी उनको भी तो पाना है। इस रास्ते के जो कांटे हैं सबको गले लगाना है!!! कुछ निन्दक निन्दा करते हैं पर उस पर ध्यान नहीं दूंगा ! अपने पथ पर सतत रहूंगा’ मेहनत को विराम नहीं दूंगा !!
हार गया तो खेद नहीं पुनः प्रयास करूंगा मैं अपनी मेहनत से जीतूंगा ऐसा इतिहास रखूंगा मैं !!”