बाँके की छटा (मत्त सवैया -ब्रज भाषा)
🙏
!!श्रीं !!
सुप्रभात !
जय श्री राधेकृष्ण !
शुभ हो आज का दिन !
🦚
बाँके की छटा
*************
निधिबन में प्रकट भयौ यानै ,
भोरौ हरिदास लुभायौ है ।
पा जुगल छबी के दरसन कूँ,
हरिदास हृदय हरषायौ है ।
बाँके की बाँकी माया है ,
बाँकौ हर उरन समायौ है ।
बाँके कौ नाम भजै ज्योती,
रच बाँकौ छंद सुनायौ है ।।६
*
राधे…राधे ….!
🌹
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा !
***
🌺🌺🌺