बहुत फर्क पड़ता है यूँ जीने में।
बहुत फर्क पड़ता है यूँ जीने में।
एक हूक सी उठती है सीने में।।
खुशियों की भी हो चुकी विदाई,
डूब रहा अपने इसी सफीने में।।
— ननकी 06/08/2024
बहुत फर्क पड़ता है यूँ जीने में।
एक हूक सी उठती है सीने में।।
खुशियों की भी हो चुकी विदाई,
डूब रहा अपने इसी सफीने में।।
— ननकी 06/08/2024