बहुत प्यार करता हूं तुमको
सुबह देखता हूं जब मैं तुम्हें
तभी मेरी दिनचर्या शुरू होती है
तुम्हारे हाथ की बनी वो चाय
मेरे तन मन में ताज़गी भर देती है
इधर उधर पड़ी मेरी ऐनक
बस तुमको ही तो मिलती है
जब ऑफिस के लिए बच्चों जैसे
मुझको तैयार तू करती है
खोलता हूं दिन में अपना लंच
मुझे सामने तू नज़र आती है
देखती रहती है मुझे एक टक
बस साथ खाना नहीं खाती है
होती है जबतक सांझ कसम से
तेरी याद बहुत सताती है मुझे
देख पाऊं जल्द तेरा मुस्कुराता चेहरा मैं
घर पहुंचने की जल्दी होती है मुझे
पहुंचता हूं जब थककर घर मैं
तेरी एक मुस्कान सारी थकान मिटा देती है
तेरे हाथों से मिली चाय की एक प्याली
टूटे शरीर में नई ताज़गी जगा देती है
मेरे घर संसार को चहल पहल से
हमेशा तू ही जगमगाए रखती है
एक दिन भी न हो पास अगर तू
मुझे तेरी वो दूरी बहुत अखरती है
देखता हूं तेरा मुस्कुराता चेहरा
अजब सुकून मिलता है दिल को
कहना चाहता हूं मैं आज तुमसे
मैं बहुत प्यार करता हूं तुमको।