** बहुत दूर **
** गीतिका **
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बहुत दूर जाना नहीं आज तुमको।
गिराना कहीं भी नहीं गाज तुमको।
नया खूबसूरत तराना सुनाकर।
मधुर छेड़ना प्यार का साज तुमको।
जमाना करे बेवजह बात कोई।
छुपाना मुहब्बत भरा राज तुमको।
दीवाने सभी आपके हर जगह हैं।
रखेंगे कभी भी न बेताज तुमको।
करेंगे बहुत कोशिशें लोग लेकिन।
बचानी हमेशा यहां लाज तुमको।
यहां नफरतों का नहीं काम कोई।
दिखाना नया नित्य अंदाज तुमको।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, १६/१०/२०२३