Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Oct 2024 · 1 min read

बहुत चाहा हमने कि

बहुत चाहा हमने कि भूल जायें तुमको,मगर आपको हम भूला नहीं पाये।।
रहे दूर तुमसे हम इतने दिन भी, मगर दिल से दूर तुमसे रह नहीं पाये।।
बहुत चाहा हमने कि —————————-।।

मिली है सफर में हमको कई, बहुत खूबसूरत इठलाती कलियां।
चाहा उनसे कर ले यारी हम, बहुत हसीन थी यार उनकी दुनिया।।
मिला प्यार उनसे हमको बहुत, मगर हाथ उनसे हम मिला नहीं पाये।
बहुत चाहा हमने कि —————————–।।

कैसे कहें हम अब बात दिल की, आप बन चुके हो साथी किसी के।
आती नहीं होगी अब याद हमारी, आते होंगे ख्वाब तुमको उसी के।।
हमने संजोये फिर भी ख्वाब बहुत, मगर ख्वाब तुम्हारा मिटा नहीं पाये।
बहुत चाहा हमने कि —————————–।।

भूलें नहीं हम वो मुलाकात अपनी, बातें वफ़ा की वो अपनी कहानी।
लिखी थी हमने जो अपने लहू से, अपने मिलन की वो प्यारी जुबानी।।
सोचा कि हम भी बसा ले कोई घर, मगर साथी और को हम बना नहीं पाये।
बहुत चाहा हमने कि ————————–।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
29 Views

You may also like these posts

अनुभूति
अनुभूति
Pratibha Pandey
माँ
माँ
Usha Gupta
वक्त के सिरहाने पर .........
वक्त के सिरहाने पर .........
sushil sarna
दुआर तोहर
दुआर तोहर
श्रीहर्ष आचार्य
प्रेम
प्रेम
Dr.Archannaa Mishraa
एक शायर का दिल ...
एक शायर का दिल ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
महावीर उत्तरांचली आप सभी के प्रिय कवि
महावीर उत्तरांचली आप सभी के प्रिय कवि
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
युद्ध लड़ेंगें जीवन का
युद्ध लड़ेंगें जीवन का
Shweta Soni
लोकतंत्र
लोकतंत्र
करन ''केसरा''
खुद से बिछड़ना
खुद से बिछड़ना
Surinder blackpen
एक ही नारा एक ही काम,
एक ही नारा एक ही काम,
शेखर सिंह
फिर एक आम सी बात पर होगा झगड़ा,
फिर एक आम सी बात पर होगा झगड़ा,
Kalamkash
घट घट में हैं राम
घट घट में हैं राम
अवध किशोर 'अवधू'
वक्त कितना भी बुरा हो,
वक्त कितना भी बुरा हो,
Dr. Man Mohan Krishna
दूहौ
दूहौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
पूरी जिंदगानी लूटा देंगे उस ज़िंदगी पर,
पूरी जिंदगानी लूटा देंगे उस ज़िंदगी पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तथाकथित धार्मिक बोलबाला झूठ पर आधारित है
तथाकथित धार्मिक बोलबाला झूठ पर आधारित है
Mahender Singh
~ मां ~
~ मां ~
Priyank Upadhyay
कलियुग की गोपी
कलियुग की गोपी
कवि कृष्णा बेदर्दी 💔
तेरे इश्क में इस कदर गुम हुए
तेरे इश्क में इस कदर गुम हुए
Sunil Suman
सहयोग
सहयोग
Rambali Mishra
ग्वालियर की बात
ग्वालियर की बात
पूर्वार्थ
बिछ गई चौसर चौबीस की,सज गई मैदान-ए-जंग
बिछ गई चौसर चौबीस की,सज गई मैदान-ए-जंग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ओ जोगी ध्यान से सुन अब तुझको मे बतलाता हूँ।
ओ जोगी ध्यान से सुन अब तुझको मे बतलाता हूँ।
Anil chobisa
*** मेरे सायकल की सवार....! ***
*** मेरे सायकल की सवार....! ***
VEDANTA PATEL
5) दुआ
5) दुआ
नेहा शर्मा 'नेह'
बाल कविता: तोता
बाल कविता: तोता
Rajesh Kumar Arjun
व्यंग्य कविता-
व्यंग्य कविता- "गणतंत्र समारोह।" आनंद शर्मा
Anand Sharma
इठलाते गम पता नहीं क्यों मुझे और मेरी जिंदगी को ठेस पहुचाने
इठलाते गम पता नहीं क्यों मुझे और मेरी जिंदगी को ठेस पहुचाने
Chaahat
माँ का प्यार
माँ का प्यार
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
Loading...