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सिद्धार्थ गोरखपुरी
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6 Jun 2022 · 1 min read
बहुत कुछ
बहुत कुछ याद आता है
बहुत कुछ भूल जाने को
आदमी क्यों नहीं लगता
खुद का मूल पाने को
-सिद्धार्थ
Language:
Hindi
Tag:
शेर
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