बहुत कठिन है पिता होना
बहुत कठिन है पिता होना
परवरिश में पलना
निर्द्वंद्व होकर
समाज में खड़े होना
घर गृहस्थी चलाना
परिवार के जंजीरों में बंधना
लोक परम्पराओं को निभाते हुए
खुद को स्थापित करना
अपने संतानों को सामाजिक ढांचे में
ढालना,जीवन के पथ पर
आगे बढ़ने की प्रेरणा देना
विध्नों से संघर्ष कर
प्रगति पथ पर बढ़ना
हर सवाल का जबाब बनना
बहुत कठिन है पिता होना।।
©® मोहन पाण्डेय ‘भ्रमर ‘
चित्र साभार गूगल