बहुत उलझा हुआ हूं मैं कोई रास्ता नहीं दिखता ।
बहुत उलझा हुआ हूं मैं कोई रास्ता नहीं दिखता ।
प्यास बड़ी लगी है लेकिन जिंदगी में सिर्फ रेत
का समंदर है ।
पानी का एक कतरा नहीं दिखता।।
सुलझ जाऊं मैं भगवन की मुझे अपने पास बुला ले ।
वरना यहां तो दुख भी सस्ता नहीं मिलता।।