बहम
जिंदगी की दौड़ में वो मुझसे आगे निकल गए
मैं खरगोश ही रहा वो कछुए की चाल चल गए
मैं जिंदा हूँ अभी ये बहम दिल में पालता रहा
दारू के ताल में डूब मेरे सारे अंग गल गए
वीर कुमार जैन
11 अगस्त 2021
जिंदगी की दौड़ में वो मुझसे आगे निकल गए
मैं खरगोश ही रहा वो कछुए की चाल चल गए
मैं जिंदा हूँ अभी ये बहम दिल में पालता रहा
दारू के ताल में डूब मेरे सारे अंग गल गए
वीर कुमार जैन
11 अगस्त 2021