#बस_छह_पंक्तियां
#तंत्र_के_नाम
■ बस छह ज्वलंत पंक्तियां
【प्रणय प्रभात】
“कोविड ने बीवी को निगला
बाढ़ ने बच्चे छीने।
दो रोटी की ख़ातिर मंगत,
दिन भर कचरा बीन।
सड़कों पर दिन भर फिरता है,
थड़ियों पर सोता है।
मुखिया जी के भाषण सुन के,
दिल से ख़ुश होता है।
आज़ादी के अमिय वर्ष में,
इक वर मांग रहा है।
झंडा तो दे दिया किसी ने,
बस घर मांग रहा है।।”
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)
#जय_हो_भारत_भाग्यविधाता।