Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Sep 2024 · 1 min read

बस पल रहे है, परवरिश कहाँ है?

बस पल रहे है, परवरिश कहाँ है?
आज के दौर में बच्चे, बस पल रहे हैं,परवरिश का कोई, सोर्स नहीं मिल रहा है।
सफल होने की दौड़ में, हम सब दौड़े चले जा रहे हैं,पर ये किसने सिखाया कि असफलता भी आयेगी,
कभी-कभी सब कुछ, छूट जायेगा, टूट जायेगा,तब खुद को कैसे संभालना है, ये किसने बताया?
मां-बाप की उम्मीदों के बोझ तले,बच्चों की मासूमियत कहीं दब गई है। उन्हें पाल रहे हैं, सिर्फ अपने सपनों के लिए,पर सिखाया नहीं कि कैसे जूझना है,उस वक्त से, जब दुनिया मुंह मोड़ लेगी,
जब रिश्ते हाथ से फिसल जायेंगे,जब तनाव और हताशा, मन को कमजोर कर देंगे।।
सीखा दिया है कि जीतना है, बड़ा बनना है,सफलता का शिखर छूना है,पर ये किसने सिखाया कि हार भी मिलेगी,जब उम्मीदें टूटेंगी, सपने बिखर जायेंगे,तो उस वक्त मन को कैसे मजबूत करना है?
तनाव की आग में जलते बच्चे,कोई सुनने वाला नहीं, बस जज करने वाले हैं,रिश्ते तो हैं, पर सुख कहीं खो गया है,सफलता तो है, पर आनंद नहीं रहा है।घर तो है, पर परिवार नहीं बचा है,
हर कोई दौड़ रहा है, पर मंज़िल का पता नहीं।।
इस दौर के बच्चे, बस पल रहे हैं,परवरिश की छांव कहीं गायब हो गई है।सिखाया नहीं कि कैसे हंसना है जब आँसू बह रहे हों,
कैसे मजबूत रहना है जब मन कमजोर हो रहा हो,बस यही तो सिखाने की कमी है,आज का इंसान, क्यों तनाव में जी रहा है।
हमने यही नहीं सिखाया, यही तो सबसे बड़ी दिक्कत है।।

49 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कैसे कहें के तुझसे प्यार ही प्यार है,
कैसे कहें के तुझसे प्यार ही प्यार है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गमले में पेंड़
गमले में पेंड़
Mohan Pandey
लोग कहते ही दो दिन की है ,
लोग कहते ही दो दिन की है ,
Sumer sinh
छोड़ दिया ज़माने को जिस मय के वास्ते
छोड़ दिया ज़माने को जिस मय के वास्ते
sushil sarna
मान देने से मान मिले, अपमान से मिले अपमान।
मान देने से मान मिले, अपमान से मिले अपमान।
पूर्वार्थ
" फर्क "
Dr. Kishan tandon kranti
बहुत कुछ बदल गया है
बहुत कुछ बदल गया है
Davina Amar Thakral
तुम याद आये !
तुम याद आये !
Ramswaroop Dinkar
निहारिका साहित्य मंच कंट्री ऑफ़ इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट के द्वितीय वार्षिकोत्सव में रूपेश को विश्वभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया
निहारिका साहित्य मंच कंट्री ऑफ़ इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट के द्वितीय वार्षिकोत्सव में रूपेश को विश्वभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया
रुपेश कुमार
हिन्दी दोहा- मीन-मेख
हिन्दी दोहा- मीन-मेख
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
पूर्णिमा
पूर्णिमा
Neeraj Agarwal
प्रभु श्रीराम पधारेंगे
प्रभु श्रीराम पधारेंगे
Dr. Upasana Pandey
नेता जी
नेता जी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
तेरा ही बसेरा
तेरा ही बसेरा
Pratibha Pandey
प्रवाह
प्रवाह
Lovi Mishra
🇮🇳मेरा देश भारत🇮🇳
🇮🇳मेरा देश भारत🇮🇳
Dr. Vaishali Verma
जी करता है , बाबा बन जाऊं – व्यंग्य
जी करता है , बाबा बन जाऊं – व्यंग्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#सन्डे_इज_फण्डे
#सन्डे_इज_फण्डे
*प्रणय*
जिंदगी
जिंदगी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मन   पायेगा   कब   विश्रांति।
मन पायेगा कब विश्रांति।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
4464.*पूर्णिका*
4464.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" न्यारा पूनिया परिवार "
Dr Meenu Poonia
गम
गम
इंजी. संजय श्रीवास्तव
"पूनम का चांद"
Ekta chitrangini
बोलो क्या लफड़ा है
बोलो क्या लफड़ा है
gurudeenverma198
उमड़ते जज्बातों में,
उमड़ते जज्बातों में,
Niharika Verma
और वो एक कंपनी का “COO” हो गया.
और वो एक कंपनी का “COO” हो गया.
Piyush Goel
*मूलांक*
*मूलांक*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"चुभती सत्ता "
DrLakshman Jha Parimal
गीत- तुम्हारा साथ दे हरपल...
गीत- तुम्हारा साथ दे हरपल...
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...