बस देखने का नजरिया है,
बस देखने का नजरिया है,
!
ना सुर्य में आग है और
ना चांद में दाग़ है…!
!
अदब से देखा जाएं तो
पतझड़ में भी राग है…!!
बस देखने का नजरिया है,
!
ना सुर्य में आग है और
ना चांद में दाग़ है…!
!
अदब से देखा जाएं तो
पतझड़ में भी राग है…!!