Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Aug 2024 · 1 min read

बस एक ही मुझको

वक़्ते-रुखसत बस एक ही मुझको ,
उनके दीदार की तमन्ना है ।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 24 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
मैं अकेली हूँ...
मैं अकेली हूँ...
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय प्रभात*
जरूरी नहीं कि वह ऐसा ही हो
जरूरी नहीं कि वह ऐसा ही हो
gurudeenverma198
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
कवि दीपक बवेजा
"मन"
Dr. Kishan tandon kranti
*देखो ऋतु आई वसंत*
*देखो ऋतु आई वसंत*
Dr. Priya Gupta
संकल्प
संकल्प
Davina Amar Thakral
तेरे पास आए माँ तेरे पास आए
तेरे पास आए माँ तेरे पास आए
Basant Bhagawan Roy
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
बाल कविता: मछली
बाल कविता: मछली
Rajesh Kumar Arjun
फिर से आंखों ने
फिर से आंखों ने
Dr fauzia Naseem shad
3141.*पूर्णिका*
3141.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Happy new year 2024
Happy new year 2024
Ranjeet kumar patre
देवो रुष्टे गुरुस्त्राता गुरु रुष्टे न कश्चन:।गुरुस्त्राता ग
देवो रुष्टे गुरुस्त्राता गुरु रुष्टे न कश्चन:।गुरुस्त्राता ग
Shashi kala vyas
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सियासत कमतर नहीं शतरंज के खेल से ,
सियासत कमतर नहीं शतरंज के खेल से ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
#गुप्त जी की जीवनी
#गुप्त जी की जीवनी
Radheshyam Khatik
روح میں آپ اتر جائیں
روح میں آپ اتر جائیں
अरशद रसूल बदायूंनी
अतुल वरदान है हिंदी, सकल सम्मान है हिंदी।
अतुल वरदान है हिंदी, सकल सम्मान है हिंदी।
Neelam Sharma
बुली
बुली
Shashi Mahajan
" मेरी अनोखी मां "
Dr Meenu Poonia
* शक्ति है सत्य में *
* शक्ति है सत्य में *
surenderpal vaidya
कबीरा गर्व न कीजिये उंचा देखि आवास।
कबीरा गर्व न कीजिये उंचा देखि आवास।
Indu Singh
विभाजन की विभीषिका
विभाजन की विभीषिका
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
शब्द
शब्द
Dr. Mahesh Kumawat
*** सैर आसमान की....! ***
*** सैर आसमान की....! ***
VEDANTA PATEL
मंजिल
मंजिल
Kanchan Khanna
दोहा- मीन-मेख
दोहा- मीन-मेख
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कितनी गौर से देखा करते थे जिस चेहरे को,
कितनी गौर से देखा करते थे जिस चेहरे को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*ठगने वाले रोजाना ही, कुछ तरकीब चलाते हैं (हिंदी गजल)*
*ठगने वाले रोजाना ही, कुछ तरकीब चलाते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Loading...