बस एक प्रहार कटु वचन का – मन बर्फ हो जाए
बस एक प्रहार कटु वचन का – मन बर्फ हो जाए
पांच तत्व का ये शरीर
पाँचों गुण छुपाये
लहू तरल है – स्वांस है वायु
जठराग्नि – आग समेटे
मन गगन – तन मिट्टी
तू हीन कभी आभास करे ना
जब प्रेम-उष्मा भरि जाए
बस एक प्रहार किन्ही
कटु वचन का
तन – मन बर्फ हो जाए