बसर
तुम्हारी उल्फत का जो असर होता।
दिल मेरा धड़कनों का नगर होता।
तुम्हारी याद में कुछ रोज तो जी लेता,
भुला के तुमको जो एक पल बसर होता।
संजय नारायण
तुम्हारी उल्फत का जो असर होता।
दिल मेरा धड़कनों का नगर होता।
तुम्हारी याद में कुछ रोज तो जी लेता,
भुला के तुमको जो एक पल बसर होता।
संजय नारायण